इस पोस्ट में हम जानेंगे डायनासोर का इतिहास और Dinosaur history in hindi की जानकारी, जब खोजकर्ताओं को उन्नीसवीं शताब्दी में पहला डायनासोर जीवाश्म मिला तब से दुनिया भर के संग्रहालयों में डायनासोर के कंकाल टंगने लगे जो प्रमुख आकर्षण बनने के साथ उनकी लोकप्रियता भी लगातार बढ़ने लगी।
डायनासोर ने लगभग धरती पर 15 से 16 करोड़ साल राज किया होंगा। एक समय था जब पुरी दुनिया में इनक़ाही राज था, लेकिन यह जिव अचानक एक घटना से पूरी दुनिया से ग़ायब हो गए।
वैज्ञानिक का मानना है की, डायनासोर के अंत का कारण एक उल्का पिंड सात करोड़ साल पहले मैक्सिको के प्रायद्वीप से (5 से 6 मिल व्यास की उल्का पिंड) टकराई। इस टकराव से लगभग 113 मिल इतना चौड़ा गड्डा बन गया, तब पूरी पृथ्वी पर बहुत भयंकर तबाही मच गई, जिसकी वजह से धरती पर सभी डायनोसॉरस का अंत हुवा होगा।
डायनासोर के विविध समूह थे, अभितक वैज्ञानिको को विभिन्न देशों से 2000 से भी ज्यादा प्रजातियोका पता चला है। कुछ डायनासोर शाकाहारी और कुछ मासाहारी थे, "डायनासोर" यह नाम 1842 में ब्रिटिश जीवाश्म वैज्ञानिक "सर रिचर्ड ओवेन" इन्होंने रखा था। डायनासोर शब्द प्राचीन ग्रीक भाषा से आया है, जिसका अर्थ भयानक छिपकली है।
भारतीय डायनासोर की खोज - Indian Dinosaur Names & Information
भारत में भी अनेक जगह से डायनोसॉरस के जीवाश्म मिले है, मध्य भारत में डायनासोर के लगभग 1000 से भी ज्यादा अंडे पाए गए है। वैज्ञानिको ने भारत में एक विशेष डायनासोर के प्रजाति की खोज की है, जो नर्मदा घाटी में लगभग सात करोड़ साल पहले पाया जाता था।
नेशनल जियोग्राफिकल की एक टीम ने नर्मदा नदी के इलाके में व्यापक खोज अभियान चलाया था, इस दौरान उनको कुछ जीवाश्म हाथ लगे थे, ये डायनासोर की अलग प्रजाति थी।
इससे जुड़े अमेरिकी विशेषज्ञ "पॉल सेरेनो" का कहना है की, इस डायनासोर के सर की बनावट अलग तरह की है। इन वैज्ञानिको ने इस डायनासोर का नाम "राजासोरस नर्मेदेसिस" रखा गया, क्यों की ये डायनासोर के अवशेष भारत में नर्मदा घाटी के पास पाये गये है।
भारत में अनेक इलाकों में डायनॉसॉरस के जीवाश्म पाये गये है: 1. महाराष्ट्र (नागपुर) 2. मेघालय (शिलांग) 3. तमिलनाडु (तिरुचिरापल्ली) 4. गुजरात (खेड़ा,पंच महल ,कच्छ) 5. आंध्रप्रदेश (अजिलाबाद) 6. मध्यप्रदेश (वाघ जबलपुर) इन सब इलाकों में डायनॉसॉरस के जीवाश्म और अंडे पाये गये।
डायनासोर कैसे खत्म हुए - डायनासोर का अंत कैसे हुआ?
डायनासोर कैसे विलुप्त हुए: यह प्राणी ट्राइएसिक काल के अंत याने लगभग 23 करोड़ वर्ष पहले से लेकर क्रीटेशियस काल (लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पहले), के अंत तक अस्तित्व में रहे, इसके बाद इनमें से ज्यादातर क्रीटेशियस -तृतीयक विलुप्ति घटना के फलस्वरूप विलुप्त हो गये।
ऐसे में वैज्ञानिक का मानना है की, डायनासोर के अंत का कारण एक 5 से 6 मिल व्यास की उल्का पिंड लगभग सात करोड़ साल पहले मैक्सिको के प्रायद्वीप से टकराई। इस टकराव से लगभग 113 मिल इतना चौड़ा गड्डा बन गया तब इससे पूरी पृथ्वी पर बहुत तबाही मच गई, जिसकी वजह से धरती पर लगभग सभी डायनोसॉरस का अंत हुवा होगा।
डायनासोर की मुख्य प्रजातियां यहाँ निचे क्लिक करे↴
- टायरानोसोरस / टी -रेक्स (Tyrannosaurs/T -Rex)
- ट्रिसिराटप्स (Triceratops)
- अपेटोसोरस (Apatosaurus)
- जिगानोसोरस (Giganotosaurus)
- स्पाइनोसोरस (Spionsaurus)
- एलोसोरस (Allosaurus)
डायनासोर का अंत अभी भी एक रहस्य
वैसे देखा जाये तो यह डायनासोर कैसे खत्म हुए? यह अभी भी एक रहस्य है। कुछ परिकल्पनाओं को अनदेखा करते हुए कुछ प्रमाण इन परिकल्पना से मिलते हैं।
उदाहरण के लिए देखा जाये तो, मनुष्य और डायनासोर के बीच लगभग 50-60 लाखों वर्ष का अंतर है, मगर हम रॉक पेंटिंग और प्राचीन कला के अन्य रूपों की संरचना देख सकते हैं, जो मनुष्यों से परिचित हैं और डायनासोर के साथ रहते हुए दिखते हैं,
जैसे कि ट्रिकट्रॉप्स, स्टेगोसॉरस, टर्मनोसॉरस और सैरोप्रोड्स के रूप में, और कुछ घटनाओं में उन्हें सजाते और सवारते हुए पाया गया है, इसके अलावा डायनासोर के जीवाश्म के संकेत खुर के छल्ले और मानव पैरों के निशान के समान चट्टान की परतों के ऊपर पाए गए हैं।
क्या हम ऐसा मान सकते है की, प्राचीन संस्कृतियां विशाल सरीसृपों के साथ रहते थे, आपको क्या लगता है हमें कॉमेंट्स करके ज़रूर बताये।
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तो दोस्तों यह थी डायनासोर का इतिहास और Dinosaur History In Hindi की जानकारी, आशा करते है की आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होंगी, अपने दोस्तों में यह आर्टिकल ज़रूर शेयर करे।