आज इस पोस्ट में हम चांद का रहस्य, Facts about moon in hindi और चंद्रमा के अदभुत तथ्य के बारे में जानेंगे, जब पहली बार इंसान चाँद पर गया तब वहा कई शोध किये फिर भी हम चंद्रमा के रहस्य से काफी अंजान है, या हमसे नासा ने बहुत सी बाते छुपा रखी है, इसलिए हम इसके के बारे में बहुत सी बाते नहीं जान पाए, पर कुछ बाते ऐसी होती है जो छुपाने से भी चुप नहीं पाती।
अपोलो 11 अंतरिक्ष मिशन - Apollo 11 Space Mission
अपोलो 11 ये एक ऐसा मिशन था जिसके जरिये इंसान ने चाँद पर पहली बार कदम रखा, अपोलो 11 यह एक ऐसी उड़ान थी जिसने चाँद पर पहले इंसान "नील आर्मस्ट्रांग" और "एडविन बज एल्ड्रिन जुनिअर" को 10 जुलाई 1969 को सफल पूर्वक उतारा था। अमेरिका का ये अभियान मानव इतिहास और अंतरिक्ष अनुसंधान के इतिहास में बहुत बड़ी उपलब्दी है।
मगर इतने साल होने के बावजूद इंसान फिर से चाँद पर क्यूँ नहीं जा रहा, बल्कि तबसे लेकर आज की टेक्नोलॉजी कई गुना जादा अड़व्हान्स है। जब पहली बार इंसान चाँद पर गया था तब उसने वहा कई शोध किये और वहा के बहुत सारे नमूने भी इकट्ठा किये फिर भी हम चंद्रमा के रहस्य से काफी अंजान है या हमें नासा बहुत सी बाते छुपा रहा है।
चंद्रमा की उत्पत्ति के सिद्धांत - How was the moon formed?
वैसे तो चाँद की उत्पत्ती कैसे हुई ये पूरी तरह से सिद्ध नहीं हो पाया। इनमें चंद्रमा के उत्पत्ती के सिद्धांत कई वैज्ञानिको ने अलग अलग रखे है पर उनमेसे कुछ सिद्धांतों को ज्यादा सही माना जाता है। उनमेसे पहला सिद्धांत ये है की, चंद्रमा और पृथ्वी की उत्पत्ती साथ साथ हुई है और चंद्रमा प्राकृतिक रूप से हमारा एक मुख्य उपग्रह बना।
मगर ये सिद्धांत यहा गलत साबित होता है, क्यों की पृथ्वी और चंद्रमा का निर्माण साथ साथ हुआ तो इनकी संरचना ये क्यों अलग अलग है, याने चाँद अलग तत्वों से बना है और पृथ्वी अलग तत्वों से बनी है और एक चौंका देने वाली बात यह है की, चाँद की उमर पृथ्वी के उमर से ज्यादा है इसलिए ये सिद्धांत कई मामलो मे सही साबित नही होता।
और एक सिद्धांत ये है की, चंद्रमा की उत्पत्ति हमारे सौर मंडल निर्माण के शुरुवाती समय में हुई। जब पृथ्वी से एक दूसरा ग्रह टकराया इस भयंकर टक्कर से चाँद की उत्पत्ति हुई और हमारी पृथ्वी पर एक बहुत बड़े खड्डे का निर्माण हुआ जो वो आज प्रशांत महासागर है।
मगर जब वैज्ञानिको ने चाँद और प्रशांत महासागर की मिट्टी का परीक्षण किया तो उन्हें उनकी अलग अलग संरचना मिली। तो इस परीक्षण से ये सिद्धांत कई मायनों में सही साबित नही होता। मगर इसी सिद्धांत को वैज्ञानिको द्वारा सही माना जाता है और हमे यही पढ़ाया जाता है।
और कुछ वैज्ञानिको द्वारा ये भी सिद्धांत लगाया गया है की, हमारे चंद्रमा की उत्पत्ति हमारे सौर मंडल के बाहर हुई है और कुछ प्राकृतिक कारणों की वजह से बाद में ये हमारा उपग्रह बना। इसलिए हमारे पृथ्वी की और चंद्रमा की संरचना काफी अलग अलग है। ये सिद्धांत के प्रमाण कई मायनों में सही जुड़ते है, पर इस थ्योरी को लेकर वैज्ञानिको में कई विवाद भी है।
क्या चाँद एलियन द्वारा बनाया गया एक आर्टिफिशियल उपग्रह है?
कई वैज्ञानिक और विचारवंत द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है की, हमारा चाँद एक प्राकृतिक उपग्रह नही है बल्कि एलियन द्वारा बनाया गया एक आर्टिफिशियल उपग्रह है। अब तक किये गये खोजनुसार चाँद की संरचना बहुत ही रहस्यमय है जो अन्य ग्रह के उत्पत्ति से कुछ भी मेल नही खाती, कई खोजों द्वारा और प्रयोगों द्वारा वैज्ञानिक दावा करते है की, हमारा चाँद अंदर से पूरा खोकला है और उपर की सतह कई धातु और खनिज से बनी हुई है।
अपोलो मिशन के दौरान चंद्रमा को उन्होंने बड़ी गहराई से जानने का प्रयास किया। उन्होंने पाया की चंद्रमा पर ऐसे तत्व है, जो प्राकृतिक रूप से नही पाये जाते और उन्हें वहा की चट्टानों पर शुद्ध टायटेनियम मिला जो उच्च तापमान सहने योग्य और एक कठोर धातु है। ओर भी बहुत से खनिज मिले जो एक चौंका देनेवाली बात है।
अपोलो 14 के अंतरिक्ष यात्री "डॉ. अड़गर्ड मिचल" का दावा है की, चंद्रमा की सतह पर भारी मात्रा मे धातु और खनिजे है और जब की अंदर से यह खोकला है। इस बात का पक्का सबूत तब मिला जब नवंबर 1969 के दौरान चंद्रमा पर "ल्युनर मोड्यूल" की टक्कर करवाई गयी, जब ये टक्कर हुई तो उसका असर लगभग 25 मील तक हुआ।
चाँद पर लगाये गये उपकरनो ने चाँद की टक्कर को प्रतिध्वनित किया जैसे की वो अंदर से खोकला या एक घंटे के जैसा हो। घंटा बजाने के बाद जैसा कंपन होता है वैसा ही कंपन चाँद पर लगभग 3 घंटे 20 मिनट तक था। इसके बाद भी चाँद पर इस तरह के ज्यादा क्षमता से प्रयोग किये गये और इन प्रयोगों के नतीजे वैसे ही निकले जैसे पहले प्रयोगों से मिले।
इससे अनुमान लगाया जा रहा है की, चंद्रमा एक खोखले धातु के गोले की तरह है जिसकी सतह धूल से ढकी हुई है। और नासा का यह मानना है की, चंद्रमा की सतह से लगभग 2 से 3 मील की गहराई तक धातु की परत है और वहा का तापमान दिन में 180डिग्री तक पहुँचता है और रात में -150डिग्री तक पहुँचता है तब भी चाँद पर इसका कोई असर नही होता है।
चांद पर रहते थे एलियंस - Aliens lived on the moon?
चंद्रमा की रचना ऐसी है जैसे की वो एक बहुत बड़ी स्पेसशिप हो। अपोलो मिशन के दौरान कई तथ्य उजागर हुये जैसे की, मून लैंडिंग के समय "अनआइडेंटिफाइड फ्लाईग ऑब्जेक्ट" को देखना ओर भी कई रहस्य है जो हमसे छुपाये जा रहे है।
चाँद पृथ्वी के यिर्दगिर्द घूमता है पर हमे चाँद का एक ही हिस्सा दिखाई देता है और चाँद का दूसरा हिस्सा आजतक हमे पृथ्वी से दिखाई नही दिया जिसे चाँद की डार्क साइड कहते है। और माना जाता है की, चाँद के डार्क साइड में एक एलियन सभ्यता बसती है और वहा बहुत बड़ा एलियन बेस है जो हमारे पृथ्वी पर नजर रखे हुए है।
दोस्तों कुछ तो बात है जो, 1969 के बाद चंद्रमा पर आजतक कोई मिशन नही हुआ। माना जाता है की चाँद पर एक उच्च परग्रही वासिओ का एक एलियन बेस है जिसके डर की वजह से इतने सालों के बाद भी और इतना नज़दीकी ग्रह होने के बावजूद भी फिर से इंसान चाँद पर नही गया,
कुछ तो है चाँद पर जो हमसे छुपाया जा रहा है, पर तो क्या चंद्रमा का रहस्य और चंद्रमा के निर्माण का रहस्य रहस्यही रह जायेंगा, या फिर आने वाले समय में इंसान फिर से चंद्रमा पर जाकर चंद्रमा की उत्पत्ति और रहस्यों की खोज करेंगा।
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