उल्का से निर्मित एक अनोखा और रहस्यमय लोनार सरोवर - लोनार झील
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लोनार सरोवर |
ज्यादा से ज्यादा उल्का पृथ्वी तक आते आते जल कर राख हो जाते है, मगर 52000 हजार साल पहले या उसके पहले ऐसा हुवा की 20 लाख टन की उल्का पिंड पृथ्वी की तरफ 20 KM/s इस गति से यह उल्का पूर्व से 30 अंश कोन में पृथ्वी से टकराई ,इस वजह से वहा उल्का से निर्मित एक अनोखा सरोवर निर्माण हुवा, इस सरोवर का व्यास 1.8 किलोमीटर है और गहराई 500 मीटर है।
कहा जाता है की सरोवर के पानी में समय समय पर बदलाव होते है और यह बदलाव क्यों होते है ये आज तक रहस्य बना है।
स्मिथसोनियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ वाशिंग्टन ,जिओलॉजिकल सोसायटी ऑफ़ इंडिया और अमेरिका के भूगर्भ सर्वेक्षण विभागोंको प्रमाण मिले है की लोनार सरोवर का निर्माण पृथ्वी पर उल्का पिंड के टकराने से ही हुआ था।
लोनार सरोवर बेसॉल्ट खड़क में बना एक मात्र बड़ा सरोवर है। सरोवर के परिसर में चुंबकीय खड़क और स्पटिक मिलते है। इस सरोवर से ओज़ोन वायु तैयार होता है।
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सरोवर के आसपास बहुत सारे औषधीय पेड़ पौधे है और इस सरोवर के पानी में अनेक प्रकार के शार होने के कारण ये पानी त्वचा रोग पर बहुत गुणकारी है। इसके पानी में शार की अधिक मात्रा होने के कारण इसमें एक भी जलचर प्राणी नहीं है और इसमें कोई जलचर जीवित नहीं रह सकता।
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लोनार सरोवर |
लोनार झील की पौराणिक आख्यायिका - Lonar Lake History
इस झील का वर्णन पुराणों में भी मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार लवणासुर नाम का दैत्य था, उस दैत्य का विष्णु ने अंत किया उस नाम के अनुसार इस सरोवर और परिसर को लोनार ये नाम मिला।ब्रिटिश अधिकारी जे. इ. अलेक्झांडर ने इ.स.1823 में इस सरोवर की नोंद की। और तो और इस सरोवर का संदर्भ पदम पुराण, स्कंद पुराण और आइना-ऐ-अकबरी में भी मिलता है।
लोनार सरोवर को आप एक बार अवश्य भेट दे, क्यों की वहा पे वास्तु कलाये और मंदिर देखने लायक है।
लोनार |
तो दोस्तों आपको इस उल्का से निर्मित लोनार सरोवर, लोनार झील बारे में और Lonar Lake History के बारे जानकारी कैसे लगी। हमें कमेंट करके जरूर बताये।
Thnks a lot for give me information
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