प्राचीन काल से अंक तीन को बहुत ही शक्तिशाली और रहस्यमय अंक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी नंबर तीन को महत्व दिया है और विग्यान में भी इस अंक को शक्तिशाली और रहस्यमय माना जाता है। तो दोस्तों आज इसी के बारे में जानेंगे।
विश्व की कई सभ्यता ,संस्कृतिओकी और धर्म की धारणा है की ,अंक तीन बहुत ही पवित्र ,रहस्यमय और शक्तिशाली अंक का प्रतीक है। और पूरे मानवीय विकास में और इतिहास में अंक ३ के प्रति अनोखा महत्व दिखाई देता है।
तीन अंक के प्रति मनुष्य का लगाव हजारों साल पुराना है , हम किसी भी धर्म या संस्कृति की ओर देखेंगे तो हर जगह के प्रमुख देवता तीन होते है। या तीन अंक द्वारा किसी तरह से दिखाई जाता है। आप उदाहरण देख सकते है। हिंदुओं की त्रिमूर्ति , बौद्ध धर्म के तीन रत्न , ईसाई धर्म की होली ट्रिनिटी ऐसे आप बहुत सारे उदाहरण देख सकते है।
वैज्ञानिक सिद्धान्ततो के आधार पर अंक तीन को बहुत ही शक्तिशाली अंक माना जाता है। अंक तीन में ज़रूर ऐसा कुछ है की हमारा ध्यान खींचता है , और हमें कुछ बताना चाहता है।
गिजा में तीन पिरामिड ओरियन राशि के तीन तारों के सीध में है ,हिन्दुओमे शिव को त्रिशूल के साथ दिखाई जाता है। जिसके तीन काटे यह दर्शाता है की -इच्छाशक्ति ,कर्म और ज्ञान । बौद्ध धर्म में भी तीन अंक का महत्व है। त्रिरत्न जिसे रत्नत्रय भी कहते है ये सम्यक ज्ञान ,सम्यक चरित्र और सम्यक दर्शन के प्रतीक है।
किसी वजह से पवित्र चीजों को तीन के रहस्यमय परतोमे छिपे होते है। प्राचीन काल से बहुत से सभ्यता में पौराणिक नायकों को , देवताओं को ,गुरुओं को और मसिहाओ को तीन के समूह में दिखाई देता है।
प्राचीन एस्ट्रोनॉट थेरेस्ट का मानना है की ,तीन शक्ति हमारे शरीर के जेनेटिक ब्लूप्रिन्ट में भी मिल सकता है। सन १९६६ में वैज्ञानिको ने जेनेटिक कोड की पहेली को सुलझाया है ,वर्षो के खोज के बाद उन्होने ये खोज की -की हमारे DNA का Univarsal Structure जो कॉडोन्स या ट्रिप्लेक्स कहलाने वाले ये तीन मॉलिक्यूल कॉम्बिनेशन की एक श्रृंखला से बना है ,ऐसा लगता है की ये तीन अंक खास कड़ी है हमारे DNA लैंग्वेज की , हो सकता है की ये तीन की शक्ति का प्रमाण हो ,ये तो वक्त के साथ हमें पता चल ही जायेंगा।
क्या तीन की शक्ति पूरे ब्रह्माण्ड में छाई हुई है ,धर्म और मान्यता के संदर्भ में सभी धर्म में तीन का महत्व विस्तारित रूप से समझाया है। हिन्दुओमे में मुख्य देवता ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश यह तीन है और देविओमे लक्ष्मी ,सरस्वती ,पार्वती है। हमारी जन्म कुंडली में भी अंक तीन का खास नाता है ये जोतिषशास्त्र कहता है, हिन्दू मान्यता ओके अनुसार सौर मंडल में तीन ग्रह प्रमुख है और वो ग्रह सूर्य ,चंद्र ,बृहस्पति (गुरु)
प्राचीन वैज्ञानिको के अनुसार तीन अंक एक बेजोड़ अंक होते हुए भी चीजों को जोड़ता है। त्रिकोण अपनी तीसरी भुजा से अपने आकार को पूरा करता है। हमें तीन की शक्ति को समझना चाहिए अगर हम तीन की शक्ति को समझ जाएंगे तो हम भी खुद शक्तिशाली और ज्ञानी बन जाएंगे।
विश्व की कई सभ्यता ,संस्कृतिओकी और धर्म की धारणा है की ,अंक तीन बहुत ही पवित्र ,रहस्यमय और शक्तिशाली अंक का प्रतीक है। और पूरे मानवीय विकास में और इतिहास में अंक ३ के प्रति अनोखा महत्व दिखाई देता है।
तीन अंक के प्रति मनुष्य का लगाव हजारों साल पुराना है , हम किसी भी धर्म या संस्कृति की ओर देखेंगे तो हर जगह के प्रमुख देवता तीन होते है। या तीन अंक द्वारा किसी तरह से दिखाई जाता है। आप उदाहरण देख सकते है। हिंदुओं की त्रिमूर्ति , बौद्ध धर्म के तीन रत्न , ईसाई धर्म की होली ट्रिनिटी ऐसे आप बहुत सारे उदाहरण देख सकते है।
वैज्ञानिक सिद्धान्ततो के आधार पर अंक तीन को बहुत ही शक्तिशाली अंक माना जाता है। अंक तीन में ज़रूर ऐसा कुछ है की हमारा ध्यान खींचता है , और हमें कुछ बताना चाहता है।
गिजा में तीन पिरामिड ओरियन राशि के तीन तारों के सीध में है ,हिन्दुओमे शिव को त्रिशूल के साथ दिखाई जाता है। जिसके तीन काटे यह दर्शाता है की -इच्छाशक्ति ,कर्म और ज्ञान । बौद्ध धर्म में भी तीन अंक का महत्व है। त्रिरत्न जिसे रत्नत्रय भी कहते है ये सम्यक ज्ञान ,सम्यक चरित्र और सम्यक दर्शन के प्रतीक है।
किसी वजह से पवित्र चीजों को तीन के रहस्यमय परतोमे छिपे होते है। प्राचीन काल से बहुत से सभ्यता में पौराणिक नायकों को , देवताओं को ,गुरुओं को और मसिहाओ को तीन के समूह में दिखाई देता है।
प्राचीन एस्ट्रोनॉट थेरेस्ट का मानना है की ,तीन शक्ति हमारे शरीर के जेनेटिक ब्लूप्रिन्ट में भी मिल सकता है। सन १९६६ में वैज्ञानिको ने जेनेटिक कोड की पहेली को सुलझाया है ,वर्षो के खोज के बाद उन्होने ये खोज की -की हमारे DNA का Univarsal Structure जो कॉडोन्स या ट्रिप्लेक्स कहलाने वाले ये तीन मॉलिक्यूल कॉम्बिनेशन की एक श्रृंखला से बना है ,ऐसा लगता है की ये तीन अंक खास कड़ी है हमारे DNA लैंग्वेज की , हो सकता है की ये तीन की शक्ति का प्रमाण हो ,ये तो वक्त के साथ हमें पता चल ही जायेंगा।
क्या तीन की शक्ति पूरे ब्रह्माण्ड में छाई हुई है ,धर्म और मान्यता के संदर्भ में सभी धर्म में तीन का महत्व विस्तारित रूप से समझाया है। हिन्दुओमे में मुख्य देवता ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश यह तीन है और देविओमे लक्ष्मी ,सरस्वती ,पार्वती है। हमारी जन्म कुंडली में भी अंक तीन का खास नाता है ये जोतिषशास्त्र कहता है, हिन्दू मान्यता ओके अनुसार सौर मंडल में तीन ग्रह प्रमुख है और वो ग्रह सूर्य ,चंद्र ,बृहस्पति (गुरु)
प्राचीन वैज्ञानिको के अनुसार तीन अंक एक बेजोड़ अंक होते हुए भी चीजों को जोड़ता है। त्रिकोण अपनी तीसरी भुजा से अपने आकार को पूरा करता है। हमें तीन की शक्ति को समझना चाहिए अगर हम तीन की शक्ति को समझ जाएंगे तो हम भी खुद शक्तिशाली और ज्ञानी बन जाएंगे।
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