मंगल ग्रह की जानकारी, Mars planet information in Hindi, Ancient facts: मंगल ग्रह एक रहस्यमय ग्रह है, और उसके तथ्य भी बहुत चौकादेने वाले है, मंगल ग्रह पर जीवन और पानी के सबूत भी मिले है। तो दोस्तों आज हम इस रहस्यमय मंगल ग्रह से जुडी जानकारी और मंगल ग्रह से जुडी पृथ्वी की सभ्यताओ के रहस्य के बारेमे विस्तारित रूप से जानेंगे तो चलते है।
मंगल ग्रह ऐसा ग्रह है जो लाल दिखता है। वहा पर आयरन ऑक्साइड की अधिक मात्रा की वजह से उसकी सतह लाल दिखती है, इस वजह से उसे रेड प्लेनेट भी कहते है। और यह पृथ्वी से 200 से 225 मिलियन किलोमीटर दूर है। भारत से लेकर पूरी दुनिया में मंगल ग्रह ने हमेशा हमारा ध्यान खींचा है और आकर्षित करता है। और सोचने में लगाता है, की कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा होगा।
20 अगस्त 1975 में अमेरिका ने टाइटन रॉकेट लॉन्च किया और वो वायकिन नामक एक यान साथ ले जा रहा था। और उसकी मंज़िल मंगल ग्रह थी। दस महीने बाद वायकिन यान पहली बार मंगल की भूमि पर उतरा और उसने वहा का निरीक्षण करना शुरू कर दिया की ,वहा के हालात कैसे है ,सतह कैसी है , वायु मंडल कैसा है। उसके आधार पर वहां की सतह हमारे पृथ्वी और रेगिस्तान की जैसी है। और उसने वहा के मिट्टी का परीक्षण करना शुरू कर दिया तो नतीजे चौंका देने वाले निकले की वहा की मिट्टी में कुछ जिव-जंतु निकले और इस पर कई विवाद भी खड़े हो गए।
एक बार फिर 4 जुलाई 1997 में नासा का यान पानी और जीवन की तलाश में मंगल ग्रह पर गया था। वहा पर सोजनर-रोवर ने खोजबीन शुरू कर के उस सतह पर प्राचीन जीवन के लक्षण ढूंढने लगा , उसके आधार पर वहा कही कही पे सतह नदी के सूखे तले जैसे और महासागर के सूखे तले जैसी है। इसका मतलब वहा सदियों पहले नदी नाले और महासागर भी थे ,इसलिए वहा ये निशान पाये गए थे। और वहा पानी था तो जीवन भी रहा होगा।
कई दशक मंगल ग्रह पर अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष लगाया गया की ,किसी ज़माने में वहा ज़बरदस्त धूमकेतु या उल्का की टक्कर हुई होंगी उस वजह से मंगल ग्रह तबाह हुवा होगा। और वहां पे बड़ी मात्रा में Zenon 129 गैस मिली है ,ये गैस परमाणु विस्फोट के बाद तैयार होती है। इस लिये कई वैज्ञानिक मानते है की मंगल ग्रह पर कई बार परमाणु विस्फोट किया गया है ,या वहा पर परमाणु युद्ध हुवा होगा इसलिए ये ग्रह तबाह हुवा होगा।
मंगल ग्रह का रहस्य - The secret of mars & Ancient facts
माया सभ्यता का हजारों सालों पहले हमारी धरती पर वास था। माया सभ्यता मानव इतिहास के रहस्यमय सभ्यताओं में से एक सभ्यता थी। मगर क्या हुवा की वो अचानक ग़ायब हो गए। माया सभ्यता को प्राचीन खगोलीय ज्ञान था और उन्होने विभिन्न घटनाओं को, धार्मिक त्योहारों को और जन्म-मरण का रिकॉर्ड रखने के लिए पंचांग बनाया जिसे माया कैलेंडर कहते है। उनका कैलेंडर मंगल ग्रह के चाल पर है। और माया के खगोल शास्त्र में भी मंगल ग्रह को महत्व दिखाई देता है।
माया सभ्यता ने हजारों साल पहले माया काल के मृतकों के माध्यम से बताया गया की ,मंगल ग्रह कैसे तबाह हुवा। उन्होने पहेली में वैसा ही दिखाया जैसे हमारे आज के वैज्ञानिको ने मंगल ग्रह कैसे तबाह हुवा इसकी खोज की है। माया सभ्यता ने उस ज़माने में ऐसी खोज कैसी की होंगी, क्या पृथ्वी पर मंगल के जिव आते जाते रहते होंगे।
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मंगल ग्रह पर जीवन संभव है?
मंगल ग्रह की भौगोलिक विशेषताओं के अलावा, मंगल का घूर्णन काल और मौसमी चक्र पृथ्वी के काफी समान हैं। इसलिए इस ग्रह पर जीवन होने की संभावना बहुत है।
मंगल ग्रह पर जीवन होने के सबूत हमारी पृथ्वी के प्राचीन मृतकों में हमेशा दिखाई देते है, की वहा भी उच्च सभ्यता का वास था और वो हमारी पृथ्वी पर आते जाते थे। अगर मंगल ग्रह पर जीवन था, तो ब्रह्मांड में कई ग्रहों पर जीवन के संकेत क्यूँ नहीं हो सकते, ये तो आने वाले दिनों में बहुत जल्दी पता चल जाएगा।
मंगल ग्रह पृथ्वी से कितनी दूर है?
दोस्तों पृथ्वी और मंगल के बीच की दूरी समय-समय पर बदलती रहती है। मंगल और पृथ्वी के बीच की औसत दूरी लगभग 22.5 करोड़(225 million) किओलोंटर है।
मंगल ग्रह पर पानी
हाल ही में नासा के संशोधन अनुसार मंगल ग्रह पर पानी होने का पक्का सबूत मिला है। मार्स रिकॉनिसेस ऑर्बिटर से मिली जानकारी के मुताबिक़ मंगल ग्रह के विषुवृत्तीय इलाके में गर्मी के मौसम में खारे पानी के प्रमाण मिले है। जो ठंडी के मौसम में जम कर लापता हो जाते है।
तो दोस्तों ये थी मंगल ग्रह की कुछ रोचक जानकारी और मंगल ग्रह पर जीवन होने के संकेत की कुछ जानकारी आपको ते आर्टिकल अच्छा लगा तो हमें कमेंट करके बताये।
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